
गौराकलां में संस्कृति संवाद यात्रा की 36वीं कड़ी सम्पन्न, सनातन समाज को जागरूक करने का आह्वान
चौबेपुर (वाराणसी)। धरोहर संरक्षण सेवा संगठन द्वारा सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु चलाए जा रहे संस्कृति संवाद यात्रा की 36वीं बैठक गौराकलां बाजार स्थित एक निजी विद्यालय में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी चंद्रदेव पटेल ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नंद पांडेय ने विचार प्रस्तुत किए।
कृष्णा नंद पांडेय ने कहा कि आज देश में जनसंख्या असंतुलन एक गम्भीर समस्या बन चुकी है, जो सनातन धर्म के अस्तित्व के लिए चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि “एक बोर्ड, एक पाठ्यक्रम और एक फीस” की नीति को अपनाकर ही इस असंतुलन को रोका जा सकता है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि महंगी शिक्षा के चलते सनातन समाज के लोग सीमित संतान की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जिससे उनकी जनसंख्या में गिरावट हो रही है।
उन्होंने चेताया कि यदि सनातन समाज समय रहते जागरूक नहीं हुआ, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “इतिहास गवाह है कि हिंदू घटा तो देश बंटा।”
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. चंद्रदेव पटेल ने कहा कि सनातन संस्कृति ही राष्ट्र और संविधान की आधारशिला है। प्रत्येक सनातनी को इसके संरक्षण और विस्तार हेतु आगे आना होगा।
अविनाश आनंद ने कहा, “किसी राष्ट्र की आत्मा उसकी संस्कृति होती है। जब-जब संस्कृति कमजोर हुई, उस भूभाग का राष्ट्र से संबंध टूट गया।”
विंध्यवासिनी पांडेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर कार्य करना होगा। संस्कृति विस्तार ही गौरव का आधार है।
इस अवसर पर सुमित पाठक, नीरज राजभर, माधव कृष्ण मालवीय, रमेश मिश्र, ऋषभ पांडेय बॉक्सर, अभिषेक मिश्र समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आयोजन ऋषभ पांडेय द्वारा तथा संचालन शुभम पांडेय ने किया। समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ के साथ हुआ।
कार्यक्रम में देश, धर्म और समाज को लेकर गंभीर विमर्श हुआ और सनातन संस्कृति को सशक्त करने का संकल्प लिया गया।