
रामपुर कुंदहा (सुजानगंज, जौनपुर) में नवकुंडीय हवनात्मक शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन
सुजानगंज, जौनपुर। रामपुर कुंदहा गांव में आयोजित नवकुंडीय हवनात्मक शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस शिवशक्तिधाम हलोली (पालघर, महाराष्ट्र) से पधारे पीठाधीश्वर आचार्य पंकज जी महाराज एवं कथा व्यास डॉ. नरेंद्र नाथ व्यास जी के सान्निध्य में आध्यात्मिक वातावरण में भव्य आयोजन प्रारंभ हुआ।
कथा के प्रथम दिवस आचार्य पंकज जी महाराज ने देवी भागवत महात्म्य का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि आदि शक्ति जगदम्बा के मुख से अर्द्धश्लोकी रूप में यह पुराण प्रकट हुआ। महर्षि वेदव्यास द्वारा अपने पुत्र शुकदेव को गृहस्थ धर्म की महत्ता सिद्ध कराने हेतु राजा जनक के पास भेजा गया, जहां से उनके जीवन में महान परिवर्तन आया। उन्होंने बताया कि समाजिक दृष्टिकोण से छह प्रकार के पुत्रों का उल्लेख शास्त्रों में किया गया है – स्ववीर्यज, क्षेत्रज, गोलक, दत्तक आदि, जो भारतीय सामाजिक समरसता को दर्शाता है।
डॉ. नरेंद्र नाथ व्यास जी ने नारद मोह प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि काम-क्रोध पर विजय के बाद भी अहंकार के रहते नारद को वानरमुखी बना दिया गया। उन्होंने जीवन में अहंकार त्याग, सेवा और समर्पण के भाव को सर्वोपरि बताया।
उन्होंने कहा, “जैसे शुद्ध सोने का आभूषण बनाने के लिए टांके लगाने पड़ते हैं, वैसे ही संसार को सुंदर बनाने के लिए माया के टांके लगते हैं।”
उन्होंने धूम्र विलोचन, चंड-मुंड, रक्तबीज के प्रतीकों को हमारे अंदर के विकारों से जोड़ा—जहां नेत्र भ्रमित करते हैं, मन चुगली से भटकता है, और क्रोध-मोह रक्तबीज के समान फिर-फिर उत्पन्न होते हैं।
कथा में द्रौपदी-अक्षय पात्र प्रसंग, दुर्वासा ऋषि का आगमन, और कृष्ण की कृपा के दिव्य उदाहरणों से श्रोताओं को भक्तिरस में सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा कि संसार द्वंद्वात्मक है – सुख-दुख, पाप-पुण्य, यश-अपयश, रंक-राजा – इन सबसे ऊपर उठकर ही भगवती की कृपा प्राप्त होती है।
इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं धर्म हेतु कर्म करते हैं ताकि समाज उनका अनुकरण करे। इसलिए हमें भी लोककल्याण में रत रहकर राष्ट्र और धर्म की सेवा करनी चाहिए।
महायज्ञ की पूर्णाहुति 27 मई 2025 को होगी। इस दौरान नित्य अन्नक्षेत्र (भंडारा) का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम आयोजक सुरेश चंद्र तिवारी एवं पवित्री देवी हैं।
मीडिया संयोजन का कार्य राजेश शर्मा (संयोजक, नमामि गंगे) द्वारा किया गया, जिन्होंने कथा एवं यज्ञ से जुड़ी जानकारी दी। इस धार्मिक अनुष्ठान में दूर-दूर से श्रद्धालु आकर यज्ञ में आहुतियां दे रहे हैं तथा श्रीमद् देवी भागवत कथा का पुण्य लाभ ले रहे हैं।