
लाखों का आम, चप्पे-चप्पे पर पहरा, चोलापुर में मियाजाकी आम बना आकर्षण का केंद्र
चोलापुर (वाराणसी)। वाराणसी जिले के चोलापुर विकासखंड के बबियांव गांव में इन दिनों एक खास किस्म का आम लोगों की जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह आम कोई साधारण फल नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे महंगी मानी जाने वाली जापानी प्रजाति ‘मियाजाकी आम’ है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 से 3 लाख रुपये प्रति किलो तक आंकी जाती है।
इस दुर्लभ आम की खेती गांव के प्रगतिशील किसान शैलेंद्र कुमार रघुवंशी ने की है। उन्होंने जापान से इसके पौधे मंगवाए और अपनी मेहनत व देखभाल से यहां की मिट्टी में इसे उगाने में सफलता हासिल की। खास बात यह है कि इस बार पहली बार इन पौधों में फल आना शुरू हुआ है।
महंगे होने के कारण इन आमों की सुरक्षा भी किसी हाई-प्रोफाइल वीआईपी जैसी की जा रही है। खेत में 24 घंटे दो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और पूरे क्षेत्र की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। आम की इस खास नस्ल के लिए खास सुरक्षा इंतजाम देख गांववाले भी हैरान हैं।
किसान शैलेंद्र बताते हैं कि उन्होंने 2020 में मियाजाकी प्रजाति के कुछ पौधे जापान से मंगवाए थे। लंबी देखभाल के बाद अब जाकर इनमें फूल और फल दिखने लगे हैं। कुल 120 पौधे तैयार हो चुके हैं, और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इससे अच्छी आमदनी होगी।
इस दुर्लभ आम को देखने के लिए न सिर्फ आसपास के गांवों से लोग पहुंच रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए भी यह आम खूब चर्चा बटोर रहा है। गांव के बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक में इस आम को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है।
मियाजाकी आम न सिर्फ स्वाद में लाजवाब माना जाता है, बल्कि इसमें पोषक तत्व भी भरपूर होते हैं। जापान में इसे ‘ताइयो नो तमागो’ यानी ‘सन एग’ (सूरज का अंडा) के नाम से जाना जाता है।
शैलेंद्र रघुवंशी ने बताया कि पहले चोरी की आशंका को लेकर चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर दिए गए हैं। दो गार्ड दिन-रात निगरानी में रहते हैं और हर कोने पर कैमरे लगाए गए हैं।
बबियांव गांव में यह आम अब गौरव का विषय बन गया है। स्थानीय लोग इस बात को बड़े गर्व से बताते हैं कि उनके गांव में ऐसा फल उगाया जा रहा है, जिसकी चर्चा देश-विदेश तक हो रही है।