
काशी में निकली भगवान जगन्नाथ की भव्य पालकी यात्रा, उमड़ा आस्था का सैलाब
वाराणसी। भोलेनाथ की नगरी काशी गुरुवार को भगवान जगन्नाथ की अनुपम भक्ति में डूबी नजर आई। ऐतिहासिक पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धा और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला। 15 दिनों तक ‘अनवर्ष काल’ में बीमार रहने के बाद भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होकर पालकी पर विराजमान हुए और भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकले।
गुरुवार की शाम अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से पालकी यात्रा का शुभारंभ हुआ। यात्रा में हजारों श्रद्धालु नंगे पांव शामिल हुए। शाम साढ़े चार बजे यात्रा अस्सी से शुरू होकर खोजवां, कश्मीरीगंज होते हुए बेनीराम बाग पहुंची। यहां भगवान का रात्रि विश्राम हुआ।
नगर के प्रमुख नागरिकों ने भगवान की डोली को कंधे पर उठाकर पदयात्रा की। पूरे मार्ग में ताशे, डमरू दल और 200 से अधिक ध्वजवाहकों की टोली जयघोष और भक्ति संगीत से वातावरण को गुंजायमान करती रही। श्रद्धालु ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष और हरिनाम संकीर्तन करते हुए प्रभु के दर्शन को उमड़े रहे।
रात्रि विश्राम के उपरांत शुक्रवार भोर में मंगला आरती के साथ तीन दिवसीय रथयात्रा मेले की औपचारिक शुरुआत होगी। यह रथयात्रा काशी के लक्खा मेलों में गिनी जाती है।
मेले और यात्रा को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क दिखा। एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात है। ड्रोन कैमरों और 85 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। बेनीराम बाग में अस्थायी कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
भक्ति, उल्लास और सुरक्षा के बीच काशी में जगन्नाथ जी की यह पालकी यात्रा आस्था का अनुपम उत्सव बन गई।