
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा शुभांशु का यान, भारत ने रचा नया इतिहास
नई दिल्ली। भारत के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए। यह ऐतिहासिक उपलब्धि नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च के 28 घंटे बाद दर्ज हुई, जब एक्सिओम-4 मिशन का ड्रैगन यान सफलता पूर्वक आईएसएस से जुड़ गया।
यह मील का पत्थर भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में 41 वर्षों बाद हुई गौरवपूर्ण वापसी का प्रतीक है। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष में कदम रखा था।
डॉकिंग से पूर्व ड्रैगन यान को अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा से अपनी स्थिति और गति का सटीक मिलान करना पड़ा। इस बेहद चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को रेंडेजवस कहा जाता है, जिसमें यान को स्टेशन के साथ पूरी तरह सरेखित किया जाता है। इसके बाद एक विशेष अनुक्रम के तहत यान ने स्टेशन से संपर्क किया। सबसे पहले सॉफ्ट कैप्चर की पुष्टि हुई, जो प्रारंभिक संपर्क की अवस्था होती है। इसमें यान की गति नियंत्रित कर सुरक्षित जुड़ाव सुनिश्चित किया जाता है।
भारत के लिए यह मिशन न सिर्फ तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि आने वाले वर्षों में स्वदेशी अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। शुभांशु की इस सफलता पर पूरे देश में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई है।