
आतंक के खिलाफ दोहरे मापदंडों पर कड़ा प्रहार, राजनाथ सिंह ने पाक को घेरा, चीन को भी सुनाई खरी-खरी
किंगदाओ। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंच पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश कर उसे कूटनीतिक शिकस्त दी। चीन की धरती पर आयोजित सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन दोनों देशों के प्रयासों को नाकाम करते हुए रक्षा मंत्री ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से स्पष्ट इनकार कर दिया।
रक्षा मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अब वक्त आ गया है जब आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाए। अपने संबोधन में उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के साथ-साथ इसे नीतिगत हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में कोई दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से उपज रही हैं। आतंकवाद को पालना और गलत हाथों में परमाणु हथियार होना, दोनों ही अस्वीकार्य हैं। हमें मिलकर निर्णायक कार्रवाई करनी होगी और सामूहिक सुरक्षा के लिए एकजुट रहना होगा।”
रक्षा मंत्री ने हाल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले हमलों जैसा ही था। उन्होंने दोहराया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति पर दृढ़ है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि जो देश अपने संकीर्ण स्वार्थ के लिए आतंकवाद का पोषण करते हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने एससीओ के मंच से अपील की कि आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों की आलोचना करने में कोई संकोच न किया जाए।
अफगानिस्तान की स्थिति पर भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत वहां शांति, स्थिरता और सुरक्षा के पक्ष में लगातार और मजबूती से खड़ा है।
रक्षा मंत्री के सख्त रुख के चलते सम्मेलन में कोई साझा बयान जारी नहीं हो सका। पाकिस्तान और चीन, दोनों ही आतंकवाद के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भारत ने अपने पक्ष को पूरी दृढ़ता से रखते हुए उनकी मंशा पर पानी फेर दिया।