
मैली गंगा से निर्मल गंगा तक का सफर, वृक्षारोपण से गूंजा प्रयागराज का गंगा तट
प्रयागराज। बीते ग्यारह वर्षों में राष्ट्रीय नदी गंगा ने स्वच्छता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा जल संरक्षण एवं जनजागरूकता की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को प्रयागराज के गंगा तट पर भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
गंगा टास्क फोर्स के कमान अधिकारी कर्नल अरविंद प्रसाद संकरण के निर्देशन में तथा लेफ्टिनेंट कर्नल नहुष मालवीय की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में आम, अमरूद, जामुन, नीम, गुलमोहर, अमलतास, अशोक और अर्जुन समेत करीब चार सौ पौधे रोपे गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रोहित रमेश ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति एकीकृत सजगता पर बल दिया।
इस अवसर पर सीआरपीएफ के डीआईजी श्री सुनीत राय ने कहा कि प्राचीन परंपराओं में ही प्रकृति के संरक्षण की प्रेरणा छुपी है। कार्यक्रम संयोजक डॉ आदि नाथ ने वनस्पतियों को वेदमाता गायत्री की अंगुलियां बताते हुए इनकी महत्ता पर प्रकाश डाला।
वृक्षारोपण टीम में सूबेदार सर्वेश तिवारी, नायक सूबेदार अमृतलाल, हवलदार निपुण छेत्री, राहुल सहित अनेक अधिकारी एवं जवान मौजूद रहे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ हिमांशु टंडन, अधिष्ठाता एकेडमिक डॉ आशीष शिवम्, निदेशक शोध केंद्र डॉ शक्ति नाथ त्रिपाठी, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ संतेश्वर मिश्रा, डॉ संजय भारती, डॉ उत्तम पाठक, डॉ श्रवण शुक्ल, गंगा मित्र श्रीमान संजय, माँ गंगा सेवा समिति के सचिव रंजन शर्मा तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
नमामि गंगे के संयोजक राजेश शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण अब व्यापक जन आंदोलन बन चुका है। यह बदलाव माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी नेतृत्व और जल शक्ति मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल के अथक प्रयासों का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि टूटी-फूटी सीढ़ियों से पक्के घाटों तक, अराजकता से जागरूकता तक गंगा ने स्वच्छता का अद्भुत सफर तय किया है। राजेश शर्मा ने लोगों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वृक्षारोपण सप्ताह के दौरान एक पेड़ माँ के नाम पर लगाने की परंपरा निभाई गई और सैकड़ों पौधे रोपे गए। कार्यक्रम के अंत में गंगा जल संरक्षण का संकल्प लिया गया।