
जैनधर्म के अष्टम तीर्थंकर 1008 भगवान चन्द्रप्रभु का जन्म कल्याण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
चौबेपुर (वाराणसी) पौष कृष्ण एकादशी दिन गुरुवार को जैन धर्म के अष्टम तीर्थंकर 1008 भगवान चंद्रप्रभु का जन्म कल्याणक दिवस भगवान की जन्म भूमि श्री चंद्रावती जी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र चंद्रपुरी वाराणसी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
जन्मोत्सव समारोह में सर्वप्रथम प्रातः 8 बजे भगवान का 108 कलश से जलाभिषेक जन्म अभिषेक किया गया। जहाँ एक ओर आज पूरा विश्व कोई न कोई महामारी से ग्रसित है, उसके नाश हेतु शांति हेतु बृहद शांति-शांति के लिये धारा की गयी। इस अवसर पर शांत उसके नाश हेतु शांति विधान का भी आयोजन किया गया। भगवान चंद्रप्रभु की विशेष पूजन अर्चन की गयी। साथ ही अन्य पूजायें भी संपन्न हुई साईं काल 7:00 बजे भव्य आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुये।
इस अवसर पर उत्तर प्रांतीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के मंत्री श्री प्रशांत कुमार जी जैन जो ऑनलाइन जुड़े थे, महा प्रबंधक सुरेंद्र कुमार जैन स्यादबाद महाविद्यालय भदैनी के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉक्टर आनंद जैन बीएचयू राहुल जैन तीर्थ क्षेत्र के प्रबंधक पंकज जैन मक्खन लाल जी, जैन मोना जैन, व मुंबई जैन समाज के कई श्रावकअन्य समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर के धर्म लाभ लिया।
आज जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का भी जन्म कल्याणक दिवस है इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा मैदागिन से भेलूपुर उनकी जन्मभूमि तक निकाली गयी। भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्रप्रभु को चांँदी के रथ पर विराजमान कर के लाया गया। इसी शुभ दिन पर भगवान चंद्रप्रभु की 21 फिट प्रतिमा का भी महा मस्तिकाभिकेश किया गया।