श्री राम जन्म के बाद महिलाओं के सोहर गीत से गुंजायमान हो उठा लीला मण्डप
चोबेपुर (चिरईगांँव) जाल्हूपुर के टूड़ी नगर की प्राचीन रामलीला में वशिष्ठ मुनि के सानिध्य में श्रृंगी ऋषि अवध नरेश के लिये पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराते हैं। इसके बाद चारों भाइयों के साथ भगवान श्री राम के जन्म की खबर आती है। इस अवसर पर भगवान इन्द्र भी प्रसन्न होकर देवताओं के साथ फूल बरसाते हैं। सभी अयोध्या वासी घी का दीपक जलाकर प्रभु श्री राम के जन्म का स्वागत करते हैं।ब्यास पीठ से रामायणी टीम के साथ पाण्डाल में बैठे रामलीला प्रेमी दर्शक भी तालियांँ बजाकर भये प्रकट कृपाला दीनदयाला गाने लगे।
सैकड़ों महिला दर्शकों ने समवेग स्वरों में जब सोहर गीत गाया तो माहौल खुशनुमा बन गया। इसके बाद भगवान राम सहित चारों भाइयों की बाल लीलाओं के मंचन ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। किशोरावस्था में भगवान राम, लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न के यज्ञोपवीत संस्कार का मंचन हुआ। इसके बाद भगवान राम सहित चारों भाइयों के स्वरूप की आरती उतारी गई, इसी के साथ रामलीला को विराम दिया गया।