
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गौशाला से संबंधित बैठक संपन्न
(रिपोर्ट अभिषेक उपाध्याय)
जौनपुर: जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में गौशाला से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। इस बैठक में जिले के सभी विकास खण्ड अधिकारियों के साथ-साथ कई संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य गो-आश्रय स्थलों की स्थिति की समीक्षा और इनके संचालन में आ रही चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था।
जिलाधिकारी ने सभी विकास खण्ड अधिकारियों से गो-आश्रय स्थलों के लिए भूसा खरीदने की प्रक्रिया को पहले से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने संभ्रांत नागरिकों, ग्रामवासियों और अधिकारियों से भूसा दान करने की अपील भी की, ताकि गोवंशों के लिए चारे की कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि गोवंश की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में गौशालाओं में साफ-सफाई बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि गो-आश्रय स्थलों में किसी भी प्रकार की गंदगी न हो और वहां मौजूद गायों को नियमित रूप से नहलाया जाए। इसके साथ ही, गोवंशों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण के भी निर्देश दिए गए। इससे पशुओं में बीमारियों के फैलने की संभावना को कम किया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गौशाला में वर्मी कंपोस्टिंग के लिए पिट बनाए जाएं। इससे गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने में सहायता मिलेगी और जैविक खाद के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, मनरेगा के अंतर्गत गौशालाओं में शेड निर्माण के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने “जीरो पॉवर्टी” और “फैमिली आईडी” योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि पात्र लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी साई तेजा सीलम, जिला विकास अधिकारी, उपजिलाधिकारी सदर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में लिए गए निर्णयों से जिले में गो-आश्रय स्थलों की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारीगण अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा से पालन करें, ताकि जिले में गौवंश संरक्षण और संवर्धन के प्रयास सफल हो सकें।