
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत संगम क्षेत्र में 92,900 मछली अंगुलिका बीजों का गंगा नदी में संचयन
प्रयागराज। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत संगम स्थित राम घाट पर रेन्चिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री विजय कुमार निषाद (विधायक प्रतिनिधि, बारा) एवं श्री दिलीप निषाद (निषाद पार्टी) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में गंगा विचार मंच (नमामि गंगे जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार) के संयोजक श्री राजेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य रूप में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था।
उस समय असुरों द्वारा वेदों की चोरी कर ली गई थी और अत्याचार बढ़ने लगे थे। भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण कर असुरों का संहार किया और प्रलय के समय वासुकी नाग के सहारे वेदों और औषधियों को सुरक्षित रखते हुए राजा सत्यव्रत एवं सप्तर्षियों को आत्मा-तत्व का ज्ञान दिया। श्री शर्मा ने बताया कि गंगा और यमुना के तट पर स्नान के उपरांत भगवान को भोग अर्पित करने की परंपरा है, जिससे मछलियों को आहार भी मिलता है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत गंगा में मछलियों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से 92,900 अंगुलिका रोहू, कतला और नैनी मछली बीज गंगा नदी में छोड़े गए। इस योजना से निषाद समाज और मत्स्य पालन करने वाले लोग लाभान्वित हो रहे हैं। श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रदीप कुमार (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य विभाग, प्रयागराज), श्रीमती सुष्मावती (मत्स्य विकास अधिकारी), श्रीमती शीला भारतिया (मत्स्य विकास अधिकारी), श्री मनोज कुमार (मत्स्य विकास अधिकारी) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।