
विलुप्तप्राय मछली प्रजातियों के संवर्धन हेतु आयोजित हुआ कार्यक्रम, नमामि गंगे मिशन के तहत जनजागरूकता का संकल्प
मिर्जापुर। गंगा नदी की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने और विलुप्त हो रही मछली प्रजातियों के संरक्षण हेतु मंगलवार को भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), प्रयागराज द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत मिर्जापुर घाट पर गंगा नदी में 10,000 भारतीय प्रमुख कार्प मछलियों — कतला, रोहू और मृगल — के बीज छोड़े गए।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत आयोजित इस आयोजन में संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डा. डी. एन. झा ने उपस्थित जनसमूह को ‘नमामि गंगे परियोजना’ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य न केवल गंगा को स्वच्छ बनाना है, बल्कि उसमें पाई जाने वाली महत्वपूर्ण मछली प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कार्य करना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री देवराम जी, संयोजक नमामि गंगे मिर्जापुर ने अपने संबोधन में गंगा और मछलियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गंगा को स्वच्छ और जीवनदायिनी बनाए रखने की आवश्यकता बताई। विशिष्ट अतिथि श्री शशिधर साहू, पार्षद पति, गोसाई तालाब, मिर्जापुर ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे गंगा की जैव विविधता को बचाने में सहयोग करें।
गंगा विचार मंच के संयोजक श्री राजेश शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को गंगा को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और जीवनदायिनी धरोहर है, जिसे स्वच्छ और संरक्षित रखना हम सभी का दायित्व है।
इस अवसर पर गंगा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं, स्थानीय मछुआरों और मत्स्य पालकों ने भी अपने विचार साझा किए और गंगा को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में माँ गंगा सेवा समिति, गंगा विचार मंच के पदाधिकारी, आसपास के गांवों के मत्स्य व्यवसायी और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के वैज्ञानिक डा. वेंकटेश ठाकुर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि परियोजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने में हम सब मिलकर सफलता प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक श्री जितेंद्र कुमार, श्री जितेंद्र कुमार सिंह, श्री राम सजीवन, श्री नंदन कुमार, श्री संदीप कुमार, श्री विकास गुप्ता, श्री शिवेष पांडे, श्री विक्रम सिंह आदि की उपस्थिति रही।