
भाजपा अध्यक्ष बोले – अब तक नहीं मांगी माफी, संविधान की आत्मा को किया था विकृत
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी में आज भी वही तानाशाही मानसिकता जिंदा है, जिसने 50 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी यह मानती है कि देश पर राज करने का अधिकार केवल एक परिवार को है।
आपातकाल की 50वीं बरसी पर कांग्रेस पर तीखा वार
आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर बुधवार को जारी अपने बयान में नड्डा ने कहा कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए नागरिक स्वतंत्रताओं को कुचल दिया था। आज भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी नरेन्द्र मोदी जैसे सामान्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रही है।
अब तक नहीं मांगी माफी
नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस संविधान की दुहाई तो देते हैं, लेकिन उन्होंने अब तक उन 21 महीनों के लिए देश से माफी नहीं मांगी, जब विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया, प्रेस की आजादी छीन ली गई और जनता के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे।
अलोकतांत्रिक संशोधन से संविधान की आत्मा पर हमला
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने संविधान में ऐसे संशोधन किए जो लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत थे। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस शासित राज्यों में भी आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है, जहां असहमति को दबाया जाता है, धार्मिक तुष्टीकरण चरम पर है और सत्ता का अहंकार साफ नजर आता है।
पत्रकारों पर भी प्रतिबंध लगाने का आरोप
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने नेताओं को कुछ पत्रकारों के कार्यक्रमों में भाग लेने से रोक दिया था। सत्ता में रहते समय वह पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज करती है और विपक्ष में रहते हुए पत्रकारों का बहिष्कार करती है।
आपातकाल में आरएसएस प्रचारक के रूप में सक्रिय थे मोदी
आपातकाल के दौरान आरएसएस के प्रचारक रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि उस समय मोदी ने कांग्रेस की नीतियों का विरोध करते हुए जनजागरण का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि उस दौर की घटनाओं को समझने के लिए ‘The Emergency Diaries: Years That Forged a Leader’ नामक पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए, जिसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ाई और उसमें मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
आपातकाल की यादों को बनाए रखना जरूरी
नड्डा ने अंत में कहा कि आपातकाल के काले अध्याय को याद रखना जरूरी है, ताकि लोकतंत्र की रक्षा की भावना बनी रहे और कोई भी सरकार भविष्य में वैसी गलती दोहराने का साहस न कर सके।