
रेवसा बस्ती के विस्थापितों ने रखी जमीन के बदले जमीन की मांग, अनिश्चितकालीन धरना 13वें दिन भी जारी
चंदौली (ताराजीवनपुर)। भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण से प्रभावित रेवसा बस्ती के सैकड़ों परिवारों ने जमीन के बदले जमीन का पट्टा दिए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना 13वें दिन भी जारी रखा। रेवसा बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धरना दे रहे ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सभी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होगा, आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।
गुरुवार को एसडीएम अनुपम मिश्रा धरना स्थल पहुंचे और आंदोलनकारियों से वार्ता कर उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर विचार कर उचित समाधान निकाला जाएगा, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे।
धरना स्थल पर मौजूद संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं छात्र नेता अभिषेक ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन बस्ती को उजाड़ने की साजिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेवसा गांव की भूमि की कीमतें काफी बढ़ गई हैं और प्रशासन औने-पौने दाम में अधिग्रहण करना चाहता है। बगैर पुनर्वास और उचित मुआवजा दिए विस्थापन का प्रयास किया जा रहा है, जो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का खुला उल्लंघन है।
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सह सचिव संजय यादव ने कहा कि बहुफसली उपजाऊ जमीन के बदले किसानों को कृषि योग्य भूमि का पट्टा देना ही न्यायसंगत होगा। अन्यथा गरीब परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा।
धरने में मौजूद किसान नेताओं ने बिजली बिल और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा ग्रामीणों पर डाले गए कर्ज को भी माफ करने की मांग रखी।
इस अवसर पर तहसीलदार राहुल सिंह, क्राइम इंस्पेक्टर रमेश यादव, किसान नेता केदार यादव, इंद्रजीत शर्मा, महेंद्र एडवोकेट, शमीम मिल्की, रामदुलार बिंद, तूफानी गोंड, दीपक, सोमनाथ, सुरेंद्र प्रसाद, राधेश्याम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं मौजूद रहीं।
आंदोलनकारियों ने साफ किया कि जब तक जमीन के बदले जमीन का पट्टा, कर्जमाफी और पुनर्वास की गारंटी नहीं होगी, धरना जारी रहेगा।