
विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा पर पौधरोपण, स्वच्छता अभियान व यज्ञ का आयोजन
प्रयागराज। विश्व पर्यावरण दिवस एवं माँ गंगा अवतरण दिवस के शुभ अवसर पर नमामि गंगे के तत्वावधान में स्वामी योगानंद आश्रम में भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान अनुर्वर भूमि पर मौलश्री, गुड़हल, मीठी नीम, सर्पगंधा एवं कदंब जैसे औषधीय एवं छायादार पौधों का पौधरोपण किया गया।
गंगा दशहरा पर्व पर मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में यज्ञ, पूजन एवं आरती का आयोजन किया गया। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा भगवान शिव की जटा से मुक्त होकर सात धाराओं में विभक्त होकर पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस मौके पर उपस्थित जनसमूह ने मां गंगा एवं समस्त पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्प लिया।
डॉ. नरेन्द्र नाथ व्यास, आचार्य पंकज जी महाराज (शिवशक्तिधाम हालोली, पालघर, महाराष्ट्र), स्वामी चिद्घानंद गिरी जी महाराज, रंजन शर्मा, राजेश शर्मा, पंकज सिंह एवं माँ गंगा सेवा समिति के अन्य सम्मानित सदस्यों की उपस्थिति में यज्ञ और हवन सम्पन्न हुआ।
इसी क्रम में नेहरू ग्राम भारती डीम्ड विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में अनुकरणीय पहल करते हुए पौधरोपण कार्यक्रम चलाया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. शक्ति नाथ त्रिपाठी, डॉ. रविकांत सिंह, डॉ. धीरज पाण्डेय, डॉ. प्रदीप उपाध्याय, डॉ. आदि नाथ, मुन्नी लाल, सत्यवान, बाबादीन सहित विज्ञान विभाग के सैकड़ों छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण इस अवसर पर उपस्थित रहे।
इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर के वनस्पति उद्यान एवं समन्वित क्षेत्र में पॉलीथिन उन्मूलन अभियान भी चलाया गया। डॉ. आदिनाथ (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान) एवं नमामि गंगे के संयोजक श्री राजेश शर्मा ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया।
इस अवसर पर दुर्गा कवच का स्मरण करते हुए पर्यावरण के संरक्षण का महत्व रेखांकित किया गया— “यावद्भूमंडलं धत्ते सशैलवनकाननम्, तावत्तिष्ठति मेदिन्यां सन्ततिः पुत्र पौत्रिकी।” अर्थात जब तक धरती पर नदियाँ, वृक्ष, जलाशय व पर्वत सुरक्षित रहेंगे, तभी तक मानव जाति का संरक्षण संभव होगा।
कार्यक्रम में जनभागीदारी व उत्साह देखने योग्य रहा, तथा पर्यावरण सरंक्षण का संदेश जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया।