
अमेठी से जुड़ाव आत्मीयता और सम्मान का प्रतीक : स्मृति ईरानी
अमेठी: लंबे अंतराल के बाद अमेठी पहुंचीं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि उनका रिश्ता अमेठी से केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, समर्पण और सम्मान की भावना से जुड़ा है। सोमवार को गौरीगंज स्थित रणंजय इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति गोष्ठी एवं पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में उन्होंने भावनात्मक अंदाज़ में जनसमूह को संबोधित किया।
स्मृति ईरानी ने कहा, “मैं अमेठी से खून के रिश्ते से नहीं, बल्कि आत्मीयता और संघर्ष के रास्ते जुड़ी हूं। भले ही वर्तमान में मैं सांसद नहीं हूं, लेकिन अमेठी की स्मृति आज भी आपके बीच है और रहेगी।”
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अमेठी में हुए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में एके-203 राइफल निर्माण यूनिट, कोका-कोला प्लांट, सैनिक स्कूल, मेडिकल कॉलेज और एक नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना ने अमेठी की दिशा और दशा दोनों को बदला है।
स्मृति ईरानी ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने सांसद के रूप में मिलने वाली पेंशन को राष्ट्रीय रक्षा कोष में समर्पित किया है, ताकि शहीदों के परिवारों की मदद की जा सके।
कार्यक्रम में रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन आदर्शों की चर्चा करते हुए उन्होंने महिलाओं की भूमिका की सराहना की और कहा कि आज गांव-गांव में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
पंचायत व्यवस्था को सशक्त बताते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए बजट में ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए इसे 70 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख करोड़ रुपये कर दिया है। यह स्थानीय प्रशासन को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मंच पर सोनभद्र के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, सलोन विधायक अशोक पासी, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि, प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र शर्मा, एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष सुधांशु शुक्ल समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
अंत में स्मृति ईरानी ने अमेठीवासियों को आश्वासन दिया कि चाहे वे किसी भी पद पर हों, उनका समर्पण इस धरती के प्रति अटूट रहेगा और वे हमेशा अमेठी के विकास में सहभागी बनी रहेंगी।